बसंत ऋतु - रंगों का त्योहार
बसंत ऋतु, प्रकृति का एक सुंदर और जीवंत रूप, जो ठंडी सर्दी के बाद आता है। यह ऋतु आने पर जीवन नया उमंग से भर जाता है, और प्रकृति में एक नई सुंदरता खिल उठती है। बसंत ऋतु को 'रंगों का त्योहार' भी कहा जाता है, क्योंकि यह ऋतु अपनी रंगीन फूलों और हरी-भरी वनस्पति से सजी रहती है।
बसंत ऋतु की शुरुआत फरवरी महीने से होती है और मार्च-अप्रैल तक चलती है। इस ऋतु में दिन लंबे होते हैं और सूरज की किरणें गर्म और कोमल होती हैं। हवा में खुशबूदार फूलों का सुगंध बहता है, जिससे वातावरण सुखद और मनोरम हो जाता है।
बसंत ऋतु में प्रकृति जाग उठती है। पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं, जो हरे-भरे और चमकदार होते हैं। फूलों की बहार आती है, जिससे हर तरफ रंगों का समूह नजर आता है। पीले सरसों के खेत, लाल गुलाब के बाग, सफेद चमेली के फूल - सभी बसंत की सुंदरता को दर्शाते हैं।
पक्षियों के चहचहाने से वातावरण जीवंत हो जाता है। मधुमक्खियां फूलों पर मंडराती हैं, अपने शहद बनाने में लगी रहती हैं। यह ऋतु पशुओं और पक्षियों के लिए भी खुशी का समय है।
बसंत ऋतु में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। होली का त्योहार, जो रंगों और खुशियों का प्रतीक है, बसंत में ही मनाया जाता है। यह ऋतु नए जीवन, नए उद्देश्य और नई शुरुआत का संदेश देती है।
बसंत ऋतु के आगमन से हमारे मन में एक नया जोश और उमंग जाग उठती है। यह ऋतु हमें प्रकृति की सुंदरता का अनुभव करने का अवसर देती है। बसंत के रंगों और सुगंधों में खोकर हम अपनी जीवन की थकान भूल जाते हैं और नए जीवन की शुरुआत करने के लिए तैयार हो जाते हैं।